कल सुबह 11 बजे Speaker Election होगा
कल सुबह सुबह स्पीकर के लिए चुनाव होगा, जिसके लिए ऐन डी ऐ की तरफ से श्री ओम बिरला अपना नामांकन कर चुके है, साथ ही इंडिया गठबंधन की तरफ से के सुरेश ने अपना नामांकन पूरा कर लिया है, ये दोनों उम्मीदवार आपस मैं टकराव करेंगे और देखते है की कौन विजय होता है और उस सिंघासन की शोभा को बढ़ता है।
क्या कल सुबह 11 बजे Speaker Election होंगे ?
अभी जैसे जानकारी हमको प्राप्त हुई है उस हिसाब से कोई सम्भावना ऐसी नहीं बन सकती है की चुनाव न हो, इसलिए कल चुनाव होना निश्चित हो चुका है और साथ ही हमारे भारत के निवासियों के मन मै भी ये बात चल रही है की आखिर कोण शोभा बढ़ाएगा स्पीकर की गद्दी की ।
कैसे होता है Speaker पद का Election ?
स्पीकर का चुनाव साधारण बहुमत से किया जाट अहइ जिसके भी पक्ष मैं 50+1 होगा उसका स्पीकर उस गद्दी पर विराजमान हो जाएगा, और ये बात भी साफ़ हैउोनों पार्टी काफी दमदार है और जब इस तरह के चुनाव होते है तोह काफी ज्यादा रोमांच बन जाता है उसके रिजल्ट को जानने का, कोनसी सरकार आखिर किसको टक्कर देती हुए आगे निकलती है है उसका पूरा व्योरा और उनके आपसी सम्बन्ध भी इससे पता चल जाएगा।
दलित को खड़ा किया है स्पीकर पद के लिए
गठबंधन ने खड़ा किया है दलित रूप मै के सुरेश को जिससे वह भी अपनी पूरी कोसिस मै लगे हुए है जनता के मन को प्रभावित करने मै और जिस तरह का वो मैसेज पंहुचा रहे है वह भी बढ़िया है, और ये टकराव भी देखने मै आने वाला है की इंडिया गठबंधन किसे आगे कर रहा है और NDA किसे आगे कर रहा है ।
रोमांच कहा आएगा Speaker Election मै
रोमांच देखने के लिए मिलने वाला है जब हम ये देखेंगे की निर्दलीय सांसद किस किस के खाते मै कितने जाते है जो की देखने मै काफी रोमांचक होने वाला है, इसे से हमको सरकार की बुनियाद पता चल जायेगी की उनके आपसी सम्बन्ध किस्से कितने बेहतर है।
स्पीकर पद के लिए क्यों करती है सरकार महेनत?
स्पीकर पद एक विशेष पद होता है जिसमे संसद मै सभी लोगो की बैठक मैं सभी की बात को सुनता है और अपना निर्णय भी रखता है, अगर स्पीकर उसी पार्टी का बन जाए जो सत्ता की बाग़ डोर को पकडे हुए है तोह उनको अपनी बात रखने मैं और अपने हित मै उत्तर पाने मैं ज्यादा आसानी हो जाती है, अगर वही कोई दूसरी अपोसिशन पार्टी का स्पीकर उस गद्दी पर बैठता है तोह वह सत्ता मै रहे रही सरकार की बातो पर या उनके नए विचारो पर पूर्ण रूप से गौर नहीं करता है, इसके कार्य काल की सीमा 5 वर्ष होती है जिसमे वह दोनों पक्षों के विचारो और उनके नियमो का पालन करते हुए अपना कार्य करता है।
इसके निर्वाचन को लोकसभा के सदयो के द्वारा किया जाता है, इसके चुनाव की तिथि को राष्ट्रपति घोषित करते है और जिस तिथे को वह सुनिश्चित करते है उसी तिथि मै चुनाव को किया जाता है, इस चुनाव मै 1 से अधिक भी लोग अपना प्रस्ताव को पेश कर सकते है, और वह अपनी भूमिका को इसमें निभाते हुए इस चुनाव का अपनी पार्टी से हिस्सा बन सकते है, लोक सभा अध्यक्ष भी अन्य लोक सभा सदस्यों की तरह हे संसद भवन मै शपथ लेता है और अपना कार्य पूर्ण निष्ठां से करने का वचन लेता है।
शक्तियां
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